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[MEMRES-5]...

नाना साहेब

नाना साहेब
Nānā Sāhēb

नानासाहेब, का एक लघु चित्रल. 1857.[1]
जन्म 19 मई 1824
वेणगाव,‌ कर्जत, महाराष्ट्र
मौत 24 सितम्बर 1859 (आयु 35)
पदवीपेशवा
पूर्वाधिकारीबाजी राव द्वितीय
माता-पिता नारायण भट और गंगा बाई

नाना साहेब (म‌ई 19, 1824 – सितम्बर 24, 1859) सन 1857 के भारतीय स्वतन्त्रता के प्रथम संग्राम के शिल्पकार थे। उनका मूल नाम 'धोंडूपन्त' था। स्वतन्त्रता संग्राम में नाना साहेब ने कानपुर में अंग्रेजों के विरुद्ध नेतृत्व किया।[2]

जीवन वृतान्त

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नानासाहेब धोंडोपंत पेशवा ने 19 मई 1824 को महाराष्ट्र के वेणगाव, कर्जत के निवासी माधवराव नारायण भट्ट तथा मैनावती के घर जन्म लिया था। इनके पिता पेशवा बाजीराव द्वितीय के सगोत्र भाई थे। पेशवा ने बालक नानाराव को अपना दत्तक पुत्र स्वीकार किया और उनकी शिक्षा दीक्षा का यथेष्ट प्रबन्ध किया। उन्हें हाथी घोड़े की सवारी, तलवार व बन्दूक चलाने की विधि सिखाई गई और कई भाषाओं का अच्छा ज्ञान भी कराया गया। नानासाहेब की तीन पत्नीयां‌ थी। सरजाबाई, काशीबाई और कृष्णाबाई।